देहरादून: राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के प्रदेश प्रभारी विक्रम सिंह रावत ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार की हठधर्मिता से कर्मचारियों में रोष व्याप्त है। यदि सरकार ने जल्द पुरानी पेंशन को बहाल नहीं किया तो आगामी लोकसभा चुनाव में केंद्र व राज्य सरकार को खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
आज ही के दिन एक अक्तूबर 2005 को उत्तराखंड सरकार ने कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बंद कर नई पेंशन योजना शुरू की थी। रविवार को मोर्चा ने इसके विरोध में काला दिवस मनाया। पूरे प्रदेश में एनपीएस काला कानून की प्रतियां जलाई गई। साथ ही सोशल मीडिया पर काली डीपी रखकर विरोध जताया जा रहा है। शनिवार को देहरादून के परेड ग्राउंड में भी कर्मचारियों ने एकत्र होकर एनपीएस की प्रतियां जलाई।
प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता में मोर्चा के प्रदेश प्रभारी विक्रम सिंह रावत ने आरोप लगाया कि केंद्र व राज्य की भाजपा सरकार कर्मचारी विरोधी है। कहा कि सांसद, विधायक एक बार सत्ता में आने के बाद पेंशन के हकदार बन रहे हैं, लेकिन जो कर्मचारी 30-40 साल सेवारत रहे हैं, उन्हें पेंशन देने के लिए सरकार के पास बजट की कमी हो जाती है। कहा कि पुरानी पेंशन बहाली के लिए कर्मचारी आरपार की लड़ाई को तैयार हैं। यदि जल्द ही कोई निर्णय नहीं लिया जाता तो 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को कर्मचारियों का विरोध झेलना पड़ेगा। प्रांतीय महासचिव सीताराम पोखरियाल ने कहा कि काला दिवस कार्यक्रम के माध्यम से हम राज्य में शीघ्र ही पुरानी पेंशन बहाली की मांग करते हैं। आईटी सेल प्रभारी अवधेश सेमवाल ने कहा मुख्यमंत्री को शीघ्र ही पुरानी पेंशन बहाली की घोषणा कर देनी चाहिए। जिलाध्यक्ष माखन लाल शाह ने कहा पुरानी पेंशन मोर्चे का एकमात्र मिशन है और मोर्चा पुरानी पेंशन बहाली के लिए प्रतिबद्ध है। समन्वयक जसपाल सिंह गुसाईं ने कहा यदि राज्य में शीघ्र पुरानी पेंशन बहाली नहीं होती तो कर्मचारी उग्र आंदोलन के लिए भी तैयार है। इस दौरान अभिषेक नवानी, मोहन सिंह, सुमित , रितिक तोपवाल, नेहा बंगवाल, विजय गुसाईं, त्रिलोक रावत, आलोक उनियाल, नरमू के शाखा अध्यक्ष रमेश कुमार, सचिव नरेश गुरुंग, आरएस राठी, त्रिमूर्ति नेगी, राकेश नौटियाल आदि मौजूद रहे।