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प्राचीन पारंपरिक खेल पिट्ठू को प्रोत्साहन के प्रयास

– उत्तराखंड पिट्ठू एसोसिएशन की ओर से रेफरी कार्यशाला व प्रशिक्षण कैंप का आयोजन

देहरादून। उत्तराखंड पिट्ठू एसोसिएशन की ओर से आयोजित रेफरी कार्यशाला व पिट्ठू प्रशिक्षण कैंप में तकनीकी विशेषज्ञों ने खेल के नियमों की जानकारी दी।

राजीव गांधी नवोदय विद्यालय ननूरखेड़ा में शुक्रवार को कैंप और कार्यशाला का विधिवत उद्घाटन किया गया। एसोसिएशन के अध्यक्ष पीसी पांडे ने कहा कि संभवतः पिट्ठू विश्व सबसे प्राचीन सामूहिक खेल है। हमारा प्रयास है कि इस पारंपरिक खेल को न सिर्फ ग्रामीण अंचलों तक प्रोत्साहित करें बल्कि नेशनल गेम्स में भी यह खेल शामिल हो जाए। पिट्ठू फेडरेशन ऑफ इंडिया से आए तकनीकी विशेषज्ञ और अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी मोहित छाड़िया और अंश मालवीय ने खेल का परिचय देने के साथ ही इसके नियम बताए। एसोसिएशन के सचिव अश्वनी भट्ट ने बताया कि प्रशिक्षण शिविर में करीब 50 महिला-पुरुष खिलाड़ी प्रतिभाग कर रहे। इन खिलाड़ियों में से सीनियर नेशनल चैंपियनशिप के लिए टीम चयन होगा। साथ ही कार्यशाला के अंतिम दिन रेफरियों की लिखित परीक्षा का भी आयोजन होगा। इस दौरान युवा कल्याण विभाग के प्रशासनिक अधिकारी एनएन पांडे, ट्रेडिशनल गेम्स एसोसिएशन के संयुक्त सचिव गौरव गुलेरी, पिट्ठू एसोसिएशन के सचिव अश्वनी भट्ट, संयुक्त सचिव सतीश कंडारी, विनोद पंवार, जितेंद्र लिंगवाल, रंजना, भूपेश, शशांक आदि मौजूद रहे।

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