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राजकीय मेला गौचर की तीसरी सांस्कृतिक संध्या लोकगायक किशन महिपाल और उनकी टीम के नाम रही

गौचर / चमोली।  

मेले में चौथे दिन हुई पंच सम्मेलन और उधान गोष्ठी

राज्य स्तरीय राजकीय गौचर मेले की तीसरी सांस्कृतिक संध्या लोक गायक किशन महिपाल और उनकी टीम द्वारा अपनी गानों की शानदार प्रस्तुति देकर दर्शक दीर्घा में बैठे मौजूद युवा दर्शकों को देर रात तक थिरकने के लिऐ विवश कर दिया गया।

लोक गायक किशन महिपाल ने अपने कार्यक्रम के शुरुआत अपने ईष्ट देवता की स्तुति – हे नाथ नारायण वासुदेव से की। उन्होंने किंगरी का छाला घुघुती, जय बोल बद्रीविशाल, रानीखेत राम ढोला,स्याली बम्पाली, लगी बाडूली और गायिका पूनम सती ने बधांण की नन्दा, नीलिमा ओ नीलिमा, जन्म भूमि प्रांणों से प्यारी आदि गानों से सांस्कृतिक संध्या में चार चांद लगा दिऐ और दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया। इससे पूर्व जय मां हरियाली देवी कला मंच नगरासू रुद्रप्रयाग, जय मां नन्दा कला मंच ग्राम पय्यां मज्याड़ी और हिमतरंग लोक कला संस्थान गौचर के कलाकारों की बेहतरीन प्रस्तुति को दर्शकों द्वारा खूब सराहा गया। इस मौके पर मेलाधिकारी / उप जिलाधिकारी कर्णप्रयाग सन्तोष कुमार पाण्डेय, पुलिस क्षेत्राधिकारी देवेंद्र रावत, बीआरओ 66 आरसीसी के कमान अधिकारी दिव्य विकास, मेला कोषाध्यक्ष / तहसीलदार कर्णप्रयाग सुरेन्द्र देव सहित कई जनप्रतिनिधि आदि मौजूद रहे।

वहीं मेले के चौथे दिन शुक्रवार को प्रातः काल पतंजलि योग समिति एवं भारत स्वाभिमान द्वारा मेला पांडाल में योग शिविर, के बाद उधान एवं प्रसंस्करण विभाग चमोली के द्वारा उद्यान गोष्ठी में मुख्य उधान अधिकारी तेजपाल सिंह ने विभागीय योजनाओं की जानकारी कृषकों को दी गई। पालिकाध्यक्ष गौचर अंजू बिष्ट की अध्यक्षता में हुई गोष्ठी में कृषक कमल सिंह रावत, महेन्द्र सिंह राणा आदि द्वारा अपने किये गये औधौनिक कार्यों को साझा किया गया। उपस्थित काश्तकारों द्वारा विभाग से समय पर सब्जियों के बीज आदि उपलब्ध कराने की मांग रखी गई।

इस मौके पर उधान निरीक्षक मिनाक्षी पालीवाल, एडीओ रघुवीर सिंह राणा, तीरथ सिंह राणा, डीपी डंगवाल, सोमेश भंडारी, मनोज पुंडीर, राजकिशोर, दिगपाल सिंह, मंगत राज, नवीन गोभियाल, किशोरी लाल, नरेन्द्र बिष्ट आदि विभागीय अधिकारी कर्मचारी व काश्तकार मौजूद रहे। मेला पांडाल में हुई पंच सम्मेलन में शामिल होने के लिए आये पंचायत प्रतिनिधियों ने पंचायतों में हुये निर्माण कार्यों का तय सीमा के अंतर्गत भुगतान किये जाने तथा पंचायतों को अधिकार देने की बात कही गई। सम्मेलन में ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य व जिला पंचायत सदस्यों ने प्रतिभाग किया।

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