नेपाल और चीन सीमा पर मिलेगी स्वदेशी 4जी कनेक्टिविटी

– नेलांग, नीती और नाबीढांग में लग रहे 4जी टावर
देहरादून। देवभूमि उत्तराखंड में सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण दूरस्थ दुर्गम क्षेत्रों में निवासरत लोगों और सेना व आईटीबीपी को संचार की बेहतर सुविधा मिलने लगेगी। चीन और नेपाल से सटी अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर प्रदेश के सुदूरवर्ती इलाकों को बीएसएनएल 4जी टावरों से आच्छादित कर रहा है। इससे विशेषतौर पर सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्व उत्तरकाशी की नेलांग, चमोली में नीती और पिथौरागढ में नाबीढांग क्षेत्र में कनेक्टिविटी का संकट दूर हो जाएगा।
पटेलनगर स्थित बीएसएनएल के सीजीएम भवन सभागार में मीडिया से बातचीत में मुख्य महाप्रबंधक (सीजीएम) कुलविंदर कुमार ने जानकारी दी कि प्रदेश के बार्डर एरिया में 41 4जी टावर लगाए जाने हैं। इनमें से 15 टावर स्थापित किए जा चुके हैं, जबकि 18 तैयार हैं और शेष भी जल्द लगा दिए जाएंगे। बता दें कि पिथौरागढ के धारचूला क्षेत्र में स्थानीय लोगों की शिकायत रही है कि उन्हें नेपाल के टावर के सहारे रहना पड़ता है। अब इन स्वदेशी टावरों के स्थापित होने से उनकी समस्या का समाधान हो जाएगा।
बीएसएनएल देश की के अन्य राज्यों की भांति प्रदेश को भी स्वदेशी तकनीक पर आधारित 4जी नेटवर्क से जोड़ रहा है। इसके तहत प्रदेश के सभी 13 जिलों में 589 नए टावर लगाए जाने हैं। इनमें से 469 टावर चालू हो चुके हैं। इन टावरों से 1057 गांवों को कनेक्टिविटी की समस्या से छुटकारा मिल जाएगा। सीजीएम कुलविंदर कुमार ने बताया कि एक अक्टूबर को बीएसएनएल के 25 वर्ष पूरे हो जाएंगे। इस मौके पर शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वदेशी 4जी स्टैक का उद्घाटन करेंगे। सीजीएम के अनुसार ये टावर पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक पर आधारित हैं। उत्तराखंड में सीमांत क्षेत्रों पर ज्यादा फोकस किया गया है। यही वजह है कि सर्वाधिक 65 टावर पिथौरागढ, 38 चमोली और 41 उत्तरकाशी में लगाए जा रहे हैं।

