उत्तराखंडगढ़वालदेहरादून

डी आई टी विश्वविद्यालय में दो दिवसीय अंतः विषय सम्मेलन आयोजित

 देहरादून। स्कूल ऑफ लिबरल आर्ट्स एंड मैनेजमेंट, डीआईटी विश्वविद्यालय, देहरादून, उत्तराखंड ने “तन्यकता और परिवर्तन-चुनौतियों से निपटना, प्रेरक परिवर्तन: मानविकी, सामाजिक विज्ञान और प्रबंधन से परिप्रेक्ष्य” विषय पर दो दिवसीय अंतःविषय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया । सम्मेलन का उद्देश्य दुनिया भर के सभी विद्वानों और शोधकर्ताओं को मानविकी और सामाजिक विज्ञान में उभरते रुझानों और समकालीन दृष्टिकोणों के बारे में चर्चा में भाग लेने और संलग्न करने के लिए एक गतिशील अवसर प्रदान करना था जो इन दो दिनों में सफल हुआ। कार्यक्रम में भारत और विदेश के अनेक उल्लेखनीय प्रतिभागी शामिल थे।
सम्मेलन में 25 और 26 सितम्बर 2024 को दो दिवसीय इंटरैक्टिव लर्निंग सत्र आयोजित किये गये।
सम्मेलन का पहला दिन उद्घाटन समारोह के साथ शुरू हुआ, जहां एन. रविशंकर (डीआईटी विश्वविद्यालय के प्रधान सलाहकार), प्रो. जी. रघुराम (कुलपति), डॉ. सैमुअल अर्नेस्ट (रजिस्ट्रार), प्रो. हेमराज वर्मा (डीन लिबरल आर्ट्स एंड मैनेजमेंट), प्रोफेसर विजय नेगी (प्रमुख लिबरल आर्ट्स और सम्मेलन अध्यक्ष), डॉ. दीपेश ठाकुर (सम्मेलन संयोजक), राम के. गुप्ता (सह-संयोजक) और अन्य प्रसिद्ध शिक्षाविद भी उपस्थित रहे। गणमान्य व्यक्तियों के स्वागत के बाद डॉ. साक्षी सेमवाल (संयोजक) ने सभी प्रतिभागियों को विस्तार से सम्मेलन की जानकारी दी। मुख्य भाषण प्रोफेसर श्रवण के. शर्मा, (पूर्व डीन और निदेशक, मानविकी संकाय और कनाडाई अध्ययन केंद्र, गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय) और प्रो. राजेंद्र पी. ममगैन (प्रमुख स्कूल ऑफ सोशल साइंसेज, दून विश्वविद्यालय, देहरादून) द्वारा प्रस्तुत किए गए। डॉ. श्रिया गोयल (सम्मेलन सह-अध्यक्ष) ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। इन ज्ञानवर्धक व्याख्यानों के बाद, देश और विदेश के विभिन्न प्रतिष्ठित संस्थानों के प्रतिभागियों द्वारा ऑफ़लाइन और ऑनलाइन दोनों माध्यमों से शोध प्रस्तुति सत्र आयोजित किए गए।
दूसरे दिन, डॉ. प्रियंका त्रिपाठी (आईआईटी पटना), डॉ. संजीव चोपड़ा (सेवानिवृत्त आईएएस) और डॉ. किरण डंगवाल (लखनऊ विश्वविद्यालय), जैसे विशेषज्ञ ऑनलाइन पैनल चर्चा में शामिल हुए। इस सत्र का शीर्षक था “तन्यकता और परिवर्तन-चुनौतियों से निपटना, प्रेरक परिवर्तन: मानविकी, सामाजिक विज्ञान और प्रबंधन से परिप्रेक्ष्य”। इस सत्र का संचलन डॉ. मोनिका श्रीवास्तव (डीन, चितकारा यूनिवर्सिटी) ने किया। इस स्फूर्तिदायक चर्चा के बाद डॉ. बी. निशांत (कोलंबो विश्वविद्यालय, श्रीलंका) का एक और मुख्य भाषण हुआ। इसके बाद हुए ऑफ़लाइन और ऑनलाइन पेपर प्रस्तुति सत्रों में दुनिया भर से अनुसंधान प्रतिभाओं ने भाग लिया। कार्यक्रम का समापन नोवेल अकादमी नेपाल के डॉ. बिशेश्वर आचार्य द्वारा दिए गए समापन सत्र के संबोधन के साथ हुआ, जिसके बाद डॉ. सांत्वना मणि (डीआईटी विश्वविद्यालय) द्वारा धन्यवाद प्रस्ताव दिया गया। सम्मेलन की आयोजन समिति और प्रतिनिधियों ने कढ़ी मेहनत और लगन के संग इस आयोजन के लक्ष्य को हासिल करते हुए भव्य सम्मेलन को सम्पन्न किया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!