देश-विदेश

यारा ने भारत में अपनी पहुँच व प्रभाव का विस्तार करते हुए यारा लीडरशिप एकेडमी कोहोर्ट 2 शुरू किया

एमएसएमई और कृषि उद्यमियों को बिज़नेस मैनेजमेंट और क्षमताF निर्माण का प्रशिक्षण मिल सकेगा
नई दिल्ली। यारा इंटरनेशनल की सब्सिडियरी और दुनिया की अग्रणी क्रॉप न्यूट्रिशन कंपनी, यारा इंडिया ने भारत में यारा लीडरशिप एकेडमी (वाईएलए) के दूसरे कोहोर्ट का लॉन्च किया है। पहले कोहोर्ट को मिली अपार सफलता के बाद वाईएलए कोहोर्ट 2 का उद्देश्य कृषि क्षेत्र में माईक्रो, स्मॉल, एवं मीडियम एंटरप्राईज़ (एमएसएमई) के नेतृत्व और बिज़नेस मैनेजमेंट की क्षमताओं में सुधार लेकर आना है। इसके मुख्य पार्टनर यूनिफायर्स सोशल वेंचर्स प्राईवेट लिमिटेड और कनेक्टेड टेक्नोलॉजीज़ एलएलपी हैं।
वाईएलए सबसे पहले 2022 में शुरू की गई थी, जिसके पहले कोहोर्ट का परीक्षण भारत और केन्या में किया गया। जिससे इन दोनों देशों में लगभग 1,000 एग्रो डीलर्स का मजबूत नेटवर्क बना। भारत में यह कार्यक्रम 500 एमएसएमई और उनके सहयोगियों ने सफलतापूर्वक पूरा किया, जिसमें महिलाओं के नेतृत्व को बढ़ावा देने और युवाओं की सहभागिता पर जोर दिया गया।
विभिन्न हितधारकों द्वारा उत्साहजनक प्रतिक्रिया के बाद यारा ने कृषि व्यवसाय क्षमता निर्माण में अपना निवेश काफी ज्यादा बढ़ा दिया। यारा लीडरशिप एकेडमी के दूसरे समूह में पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार से प्रतिभागी शामिल हैं, इसके अलावा पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इसके कार्य जारी हैं। इस साल इस कार्यक्रम का उद्देश्य इन क्षेत्रों में 70 से ज्यादा जिलों के 700 आवेदकों को प्रशिक्षित करना है।
15 हफ्ते के विस्तृत यारा लीडरशिप एकेडमी के पाठ्यक्रम में विभिन्न विषय, जैसे बिज़नेस मैनेजमेंट, एग्रोनोमिक नॉलेज, और रिजनरेटिव एग्रीकल्चर प्रैक्टिस शामिल हैं। इस कार्यक्रम में बिज़नेस की स्थापना, बजटिंग, वृद्धि की मानसिकता, उत्पाद की क्वालिटी, कस्टमर सेवा एवं बिज़नेस ऑपरेशंस के अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर कोर्स शामिल हैं।
इस कार्यक्रम में प्रतिभागियों को टेबलेट के माध्यम से डिजिटल एक्सेस और इन-पर्सन नेटवर्किंग सत्र उपलब्ध कराए जांगे। प्रायोगिक प्रशिक्षण एवं अभ्यासों के माध्यम से ये मॉड्यूल क्रॉस-लर्निंग संभव बनाएंगे और प्रतिभागियों को अपने द्वारा सीखे गए ज्ञान का तुरंत उपयोग करने में समर्थ बनाएंगे। 700 प्रतिभागियों को सहयोग देने के लिए 15 कोच की टीम उपलब्ध होगी, जो न केवल उन्हें यह कार्यक्रम पूरा करने में, बल्कि सीखे गए ज्ञान का उपयोग अपने बिज़नेस में करने में मदद करेगी।
इस साल महिलाओं की प्रतिभागिता में भी काफी बढ़ोत्तरी हुई है। इस कार्यक्रम में महिलाओं की संख्या 22 प्रतिशत से बढ़कर 28.3 प्रतिशत हो गई है। यारा द्वारा अब इस कार्यक्रम का विस्तार रिटेलर्स से आगे बढ़ाकर फार्मर प्रोड्यूसर संगठनों (एफपीओ), बिहार में स्वतंत्र एग्रीकल्चर उद्यमियों, बबराला सेल्फ-हेल्प ग्रुप की महिलाओं के विशेष समूह, सीखने वाली युवतियों और बेयर बीएलएफ सेंटर के प्रतिभागियों तक किया जा रहा है।
इस अभियान के बारे में संजीव कुमार, मैनेजिंग डायरेक्टर, यारा साउथ एशिया ने कहा, ‘‘यारा में हम एक ऐसे भविष्य की कल्पना करते हैं, जिसमें कृषि न केवल उत्पादक बने, बल्कि सस्टेनेबल, मजबूत और समानतापूर्ण भी हो। अपना यह उद्देश्य पूरा करने के लिए केवल प्रीमियम इनपुट ही नहीं, बल्कि सभी लोगों को सशक्त और कुशल बनाने की आवश्यकता है, क्योंकि ये लोग उद्योग की नींव हैं, साथ ही, एग्रीकल्चर में महिलाओं के योगदान को प्रोत्साहित किए जाने की भी जरूरत है। यारा लीडरशिप एकेडमी अगली पीढ़ी के एग्रीकल्चरल लीडर्स को बढ़ावा देने की हमारी प्रतिबद्धता प्रदर्शित करती है, जो उन्हें समूचे एग्रीकल्चर परिदृश्य में बिज़नेस आगे बढ़ाने और सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए आवश्यक कौशल, ज्ञान और नेटवर्क प्रदान करती है।’’
इस साल के कोर्स के लिए सर्टिफिकेट संबंधित सरकारी संकायों द्वारा दिए जाएंगे, जिनमें मैनेजमेंट एंड एंटरप्रेन्योरशिप एंड प्रोफेशनल स्किल्स काउंसिल (एमईपीएससी) और नेशनल काउंसिल फॉर वोकेशनल एजुकेशन (एनसीवीईटी) शामिल हैं। प्रतिभागियों को विशेषज्ञ सत्रों द्वारा विशेषज्ञ के मार्गदर्शन में मार्केट इंटैलिजेंस प्रदान की जाएगी, जिसमें एग्रीकल्चर सेक्टर में एमएसएमई की मुख्य चुनौतियों को संबोधित किया जाएगा।

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