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निया शर्मा ने बताया कि उन्होंने कलर्स के फैंटेसी-रोमांस-थ्रिलर ‘सुहागन चुड़ैल’ को क्यों चुना

नई दिल्ली: निया शर्मा ने कलर्स के नवीनतम शो ‘सुहागन चुड़ैल’ से दर्शकों पर जादू कर दिया है, जिससे वे फैंटेसी की इस शानदार दुनिया में उनके साथ शामिल हो गए हैं। इस प्रतिभाशाली अभिनेत्री ने अपने सभी क्रिएटिव फैसलें सही तरीके से लिए हैं और यह फैंटेसी-रोमांस-थ्रिलर भी इसमें अपवाद नहीं है। प्यार बटोरते हुए और भारी चर्चा फैलाकर, निया के जारी शो ने अपनी कहानी के ट्विस्ट, सुपरनेचुरल तत्वों, और मंत्रमुग्ध कर देने वाली दुनिया से दर्शकों का मनमोह लिया है। शो की सफलता के बाद, निया ने आखिरकार इस बारे में खुलासा किया कि उन्होंने इसे क्यों चुना।

शो के बारे में अपने शुरुआती विचार व्यक्त करते हुए, निया शर्मा ने कहा, “जब मैंने इसका अनोखा शीर्षक सुना, तो मैं थोड़ा हिचकिचा गई थी। छह या सात मीटिंग्स के बाद, मुझे लगने लगा कि शायद किस्मत ने मुझे इस भूमिका तक पहुंचाया है। ‘सुहागन चुड़ैल’ नाम में कुछ जादुई और मनोरम था, जिसने मेरी जिज्ञासा और कल्पना को बढ़ा दिया। एक अभिनेत्री के रूप में, सबसे बड़े फायदों में से एक किसी ऐसे किरदार में जान फूंकना है, जो आपको उत्साहित करता है। जब निर्माताओं ने मुझे सुहागन चुड़ैल के किरदार से जुड़ी बारीकियां समझाईं, तो मैं दंग रह गई। मुझे एहसास हुआ कि यह भूमिका हर तरह से मेरे लिए बनी थी। भूमिका के लिए हां कहने के बाद, उन्होंने बताया कि मैं उनकी पहली और एकमात्र पसंद थी; इस भूमिका के लिए कोई ऑडिशन नहीं लिया गया था! मुझ पर विश्वास करने के लिए मैं निर्माताओं की आभारी हूं। मेरे ख्याल से, मुझ पर उनके यकीन और कुछ नया करने की मेरी उत्सुकता के कारण ही इस शो को इतनी लोकप्रियता और प्यार मिल रहा है। मैं इस खास भूमिका में मुझे अपनाने के लिए दर्शकों का शुक्रिया अदा करती हूं।”

शो में, निया का किरदार, निशिगंधा, सोलह श्रृंगार की काली ताकतों का इस्तेमाल करके परम शक्ति पाने के प्रयास में है। वह अपनी सुंदरता और चालाक योजनाओं का उपयोग करके दीया (देबचंद्रिमा सिंहा रॉय द्वारा अभिनीत) के प्यार, मोक्ष (ज़ैन इबाद खान द्वारा अभिनीत) को अपने जाल में फंसाकर इसे हासिल करना चाहती है। मौजूदा कहानी में, दीया निशिगंधा के कमरे में घुस जाती है और एक रहस्यमयी संदूक की ओर आकर्षित होती है, जिससे उसे रेगिस्तान के दृश्य दिखाई देते हैं। निशिगंधा बीच में आ जाती है, जिससे तनावपूर्ण टकराव होता है। मोक्ष दीया को देखता है जिसके हाथ से खून बह रहा होता है, और अप्रत्याशित चिंता दिखाता है। दीया और ज्योत्सना जांच करने का फैसला करती हैं लेकिन संदूक को गायब पाती हैं, ज​हां निशिगंधा चुपचाप घटनाक्रमों में हेरफेर करती है। डॉक्टर का कॉल मोक्ष की रहस्यमयी स्थिति में उम्मीद की किरण साबित होता है, लेकिन चानक ही हरि सिंह के हस्तक्षेप से दीया की योजनाओं में पानी फिर जाता है। इस नाटकीय मोड़ के कारण दीया और मोक्ष का नसीब अधर में लटक जाता है, जहां रहस्य अनसुलझे रह जाते हैं और तनाव बढ़ जाता है।

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