Day: December 24, 2023
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देहरादून
बिजराकोट के आराध्य देव रावल देवता की बन्याथ( देवरा) यात्रा 25 दिसम्बर को पाटी गांव में पहुचेंगे
चमोली ( प्रदीप लखेड़ा ) 22 नवम्बर से जनपद रुद्रप्रयाग दसज्यूला क्षेत्र बिजराकोट एव जनपद चमोली पोखरी बिकास खण्ड क्षेत्र के…
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उत्तराखंड
महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद को जेड प्लस सुरक्षा देने की संतों ने की मांग
अलगाववादी रच रहे यति नरसिंहानंद की हत्या का षड़यंत्र: यति रामस्वरूपानंद सतों ने स्वामी सर्वानंद घाट पर रविवार को किया…
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स्पोर्ट्स
भारतीय महिला टीम ने रचा इतिहास
टेस्ट में पहली बार ऑस्ट्रेलिया को हराया, 8 विकेट से मिली जीत मुबंई। भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने इतिहास रचते…
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देहरादून
सीएम ने किया विशाल युवा पद यात्रा कार्यक्रम में प्रतिभाग, कहा- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में अयोध्या में श्रीराम मंदिर का निर्माण का सपना होने जा रहा सच
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पवेलियन ग्राउंड, देहरादून में आयोजित विशाल युवा पद यात्रा कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। उन्होंने…
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देहरादून
महारैली में बड़ी संख्या में युवा और तमाम सामाजिक और राजनीतिक संगठन हुए शामिल देहरादून। प्रदेश में रविवार को मूल निवास कानून लागू करने और इसकी कट ऑफ डेट 26 जनवरी 1950 घोषित किए जाने और प्रदेश में सशक्त भू-कानून लागू किए जाने की मांग को लेकर देहरादून में रविवार को उत्तराखंड मूल निवास स्वाभिमान महारैली का आयोजन किया गया। महारैली में बड़ी संख्या में युवा और तमाम सामाजिक और राजनीतिक संगठन शामिल होने के लिए प्रदेश भर से पहुंचे हैं। लोग परेड मैदान में एकत्रित हुए और यहां सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की। रैली परेड ग्राउंड में एकत्र होकर लोग रैली की शक्ल में कॉन्वेंट स्कूल से होते हुए एसबीआई चौक, बुद्धा चौक, दून अस्पताल, तहसील चौक होते हुए कचहरी स्थित शहीद स्मारक पहुंचेंगे। इसके बाद सभा का आयोजन किया गया। मूल निवास, भू-कानून समन्वय संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी ने कहा कि यह उत्तराखंड की जनता की अस्मिता और अधिकारों की लड़ाई है। सरकार की ओर से विभिन्न माध्यमों से संघर्ष समिति से जुड़े सदस्यों से संपर्क कर रैली का टालने का अनुरोध किया गया था। उन्होंने कहा कि हम सरकार की इस पहल और सक्रियता का सम्मान करते हैं, लेकिन यह जन आंदोलन है, जिसका नेतृत्व उत्तराखंड की आम जनता कर रही है। इसलिए इस आंदोलन से संबंधित कोई भी फैसला आम जनता के बीच से ही निकलेगा। प्रमुख मांगें प्रदेश में ठोस भू कानून लागू हो। शहरी क्षेत्र में 250 मीटर भूमि खरीदने की सीमा लागू हो। ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगे। गैर कृषक की ओर से कृषि भूमि खरीदने पर रोक लगे। पर्वतीय क्षेत्र में गैर पर्वतीय मूल के निवासियों के भूमि खरीदने पर तत्काल रोक लगे। राज्य गठन के बाद से वर्तमान तिथि तक सरकार की ओर से विभिन्न व्यक्तियों, संस्थानों, कंपनियों आदि को दान या लीज पर दी गई भूमि का ब्यौरा सार्वजनिक किया जाए। प्रदेश में विशेषकर पर्वतीय क्षेत्र में लगने वाले उद्यमों, परियोजनाओं में भूमि अधिग्रहण या खरीदने की अनिवार्यता है या भविष्य में होगी, उन सभी में स्थानीय निवासी का 25 प्रतिशत और जिले के मूल निवासी का 25 प्रतिशत हिस्सा सुनिश्चित किया जाए। ऐसे सभी उद्यमों में 80 प्रतिशत रोजगार स्थानीय व्यक्ति को दिया जाना सुनिश्चित किया जाए।
महारैली में बड़ी संख्या में युवा और तमाम सामाजिक और राजनीतिक संगठन हुए शामिल देहरादून। प्रदेश में रविवार को मूल…
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देहरादून
चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड से पहली बार प्रदेश को मिले 1376 नर्सिंग अधिकारी
मुख्यमंत्री ने नर्सिंग अधिकारियों को प्रदान किये नियुक्ति पत्र स्वास्थ्य जागरूकता के साथ जन सेवा का दायित्व है नर्सिंग अधिकारियों…
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